श्रील प्रभुपाद

आरम्भ में अनेक कठिनाईयाँ हो सकती हैं। यह स्वाभाविक है। जिस प्रकार एक शिशु जब खडा होने का प्रयास करता है तो वह गिर जाता है। किन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि वह प्रयास करना ही छोड़ दे । वह प्रयास करता रहता है और एक दिन वह सफल हो जाता है। इसी प्रकार एक दिन आएगा जब आप भी कृष्णभक्ति में सफल हो जायेंगे

लॉस एंजिलिस, १ जनवरी १९६९

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